लोन लेने वालों ये चार बातें-नियम दिमाग में घुसा लो वरना फस सकते हो बुरी तरह – Personal Loan Tips

Rate this post


Personal Loan Tips : अक्सर लोग अपने विशेष कामों के लिए लोन की और भागते हैं। इसलिए भारत में लोन लेने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बड़ रही है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है लोग लोन लेने के बाद फायदे की जगह नुकसान में फस जाते हैं और सर से पैर तक कर्ज में डूब जाते हैं। इस के कई कारण हैं जिनके बारे में हम लेख में चर्च कर रहे हैं। अगर आप इन चार नियमों या बातों को लोन लेते समय याद रखते हैं तो कभी भी लोन की बजह से कर्ज में नहीं डूबोगे और आपका लोन भी आसानी से चुकता हो जाएगा।

Loan terms and conditions

जब आप किसी बैंक से लोन लेने का विचार करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण होता है कि आप उस बैंक की नियम और शर्तों को अच्छे से समझें। इसका मतलब है कि आपको उनकी लोन के व्याज दर, परीक्षण शुल्क, प्रोसेसिंग फीस आदि के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। जरूरी है कि आप लोन लेने से पहले बैंक के अधिकारियों से आपके मन में आने वाले किसी भी सवाल का उत्तर प्राप्त करें, जैसे कि क्या लोन के लिए कितना समय लग सकता है, क्या आपको किसी गारंटर की आवश्यकता है, और अगर हां तो उनके खिलाफ कौन-कौन सी योग्यताएँ होनी चाहिए। लोन लेते समय, छिपे शुल्कों की जांच भी करनी चाहिए, जैसे कि प्रोसेसिंग फीस के अलावा क्या कोई और छिपे चार्ज हैं जिनकी जानकारी आपको पहले से होनी चाहिए।

See also  एसएससी ने निकाली 1800 पदों पर सब इंस्पेक्टर की भर्ती - SSC Sub Inspector Bharti

Take loan from bank

लोन लेते समय विवेकपूर्ण निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। बैंकों से लोन लेने के कई फायदे हो सकते हैं, जैसे कि उनकी ब्याज दरें आमतौर पर अधिक विश्वसनीय और कम होती हैं, जिससे आपके लिए उचित ब्याज दर पर लोन प्राप्त हो सकता है। बैंक आपके वित्तीय स्थिति को पूरी तरह से परीक्षण करके लोन की मान्यता देने में अधिक सतर्क रहते हैं, जो आपकी वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। यदि आप किसी एनबीएफसी कंपनी से लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो आपको उनकी शर्तों और ब्याज दरों की तुलना में अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ करना चाहिए। इसके साथ ही, आपको उनकी पूंजीकरण, प्रतिस्थानता, और उनके पूर्व ग्राहकों के अनुभव की जाँच करनी चाहिए ताकि आप एक सठिक निर्णय ले सकें।

Compare Interest Rates

जब आप बैंक से लोन लेने की सोचते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप सभी बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें। विभिन्न बैंकों की ब्याज दरें आमतौर पर अलग-अलग होती हैं, और यह आपके लोन के चुकते की राशि पर सीधा प्रभाव डालती हैं। आपके लोन की ब्याज दर आपके लोन के प्रकार, जैसे कि होम लोन, कार लोन, व्यक्तिगत ऋण आदि पर निर्भर कर सकती हैं। यह दरें आपके क्रेडिट स्कोर, आय, और वित्तीय स्थिति पर भी निर्भर कर सकती हैं। लोन की ब्याज दर कम करने के लिए, आपको विभिन्न बैंकों की तुलना करनी चाहिए और उनकी विशेष शर्तों को समझना चाहिए। एक बैंक से दूसरे बैंक की तुलना करके आप यह देख सकते हैं कि कौनसा बैंक आपके लिए सबसे बेहतरीन ब्याज दर पर लोन प्रदान कर सकता है।

See also  घर बैठे कमाना है 1 लाख रुपये महीना वो भी मोबाइल से तो ये काम कर दो शुरू - Google business ideas

EMI focus

लोन के रूप में बैंक आपको एक निश्चित राशि प्रदान करता है, जिसे मूलधन कहा जाता है। इसके साथ ही, आपको ऋण की राशि पर एक निश्चित दर से ब्याज देना होता है। लोन की मुख्य राशि और ब्याज की राशि को मिलाकर आपके ईएमआई (मासिक एक समान किश्त) की गणना की जाती है। यह एक ऐसी राशि होती है जिसे आपको प्रत्येक महीने बैंक को देनी होती है। हालांकि, आपको ध्यान में रखना चाहिए कि आपको उस किश्त की राशि को चुननी चाहिए जिसे आप आसानी से चुका सकते हैं। अगर आप बहुत अधिक ईएमआई चुनते हैं, तो आपकी मासिक किश्तें बढ़ सकती हैं और आपको वित्तीय मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, आपको जब भी ऋण के लिए आवेदन करते समय अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए, ताकि आप भविष्य में आने वाली समस्या से बच सकें।

Leave a Comment